"भैंसे से वेद मन्त्र बुलवाना"
परमात्मा कैसे कैसे चमत्कार करते हैं
जो अपने आप को विद्वान और ज्ञानी समझता है परमात्मा उसे उसके अहंकार से परिचित कराकर उसे अपनी गलती का एहसास कराते हैं ऐसी ही एक सच्ची घटना है जब कबीर परमेश्वर कलयुग में आए थे
एक समय तोताद्रि नामक स्थान पर सत्संग था। सत्संग के पश्चात भण्डारा शुरू हुआ। भंडारे में भोजन करने वाले व्यक्ति को वेद के चार मन्त्र बोलने पर प्रवेश मिल रहा था। कबीर साहेब की बारी आई तब थोड़ी सी दूरी पर घास चरते हुए भैंसे को हुर्रर हुर्रर करते हुए बुलाया। तब कबीर जी ने भैंसे की कमर पर थपकी लगाई और कहा कि भैंसे इन पंडितों को वेद के चार मन्त्र सुना दे। भैंसे ने छः मन्त्र सुना दिए।
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