कबीर परमेश्वर मघर से सह शरीर सतलोक जाना तथा मगर लीला
कबीर परमात्मा सशरीर सतलोक गए थे तथा उनकी मृत्यु नहीं हुई क्योंकि अजन्मे तथा अमर है वह कभी भी मां के गर्भ से जाने नहीं देते और नहीं कभी उनका अंतिम संस्कार किया जाता क्योंकि उनका शरीर चार दाग से न्यारा है कबीर साहिब जी ने वाणी में कहा है कि
"चदरी फूल बिछाए सतगुरु, देख सकल जिहाना हो।
च्यारी दाग से रहत जुलहदी, अविगत अलख अमाना हो।।
मघर लीला
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